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Saturday, 16 November 2024

लिफ्ट की कहनी

लिफ्ट की कहानी
ये लिफ्ट की सुनो कहानी, मेरी ही ज़ुबानी
मलटी सटोरी की है ये जान, पर खुद कितनी बेजान, सभी करते हैं इसका इंतजार
पर इसे नहीं है किसी से पयार!

किसी को सकूल, किसी को कालिज, किसी को आफिस है जाना, हर किसी को है जल्दी बटन दबाना! पर चलती है अपनी दम से ये, रूक रूक कर हर मंज़िल पे, ये है सचमुच सब की जान, ए लिफ्ट, तूं तो है बड़ी महान!
आओ देखें अब अंदर का नज़ारा, जो खुशी से बेजान है बेचारा, लिपट में सभी कंधे से कंधा मिलाए खड़े पर फिर भी है एक दूसरे से मीलों परे! न नमस्ते, न गुड मॉर्निंग, न दुआ न सलाम, जैसे सब हैं एक दूसरे से अंजान
रोबोट  की तरह लगें हैं फोन पे, कोई वाटसऐप पे तो कोई फेसबुक पे ! सबकी सांसे देती है सुनाई, लेकिन उंगलियाँ चलतीं keypad पर भाई ! बात न चीत कोई करे, अपनी ज़िंदगी में सब मस्त खड़े!
टामी  ने है सबक सिखाया, पूंछ हिलाकर हमें समझाया, मिलजुल करके रहते जाओ, सुख-दुख सांझा करते जाओ! ये 5 मिनट बहुत हैं नयारे, दोस्ती कर लो एक दूजे से पयारे!
मशीनों में रहकर मशीन न बनो, इंसानों की तरह एक दूजे से मिलो, कुछ अपनी कहो, कुछ दूसरे की सुनो,
चार दिन की ज़िन्दगी में कर लो मज़े जीवन भर के, हंस कर हंसा कर बातें बनाकर, एक दूसरे से मिल लो भाई, दोस्त हों, पड़ौसी हों, चाची हो यां हो ताई!
अपनी उंगलियों को फोन से हटाकर, ज़िंदगी को देखो "मैं" का परदा  गिराकर, होली है भाई, हैलो तो कर लो, लिपट में ही सबका मूड लिपट कर दो!
ये लिफ्ट की सुनो कहानी, मेरी ही ज़ुबानी-2
लिफ्ट की कहानी
ये लिफ्ट की सुनो कहानी, मेरी ही ज़ुबानी
मलटी सटोरी की है ये जान, पर खुद कितनी बेजान, सभी करते हैं इसका इंतजार
पर इसे नहीं है किसी से पयार!

किसी को सकूल, किसी को कालिज, किसी को आफिस है जाना, हर किसी को है जल्दी बटन दबाना! पर चलती है अपनी दम से ये, रूक रूक कर हर मंज़िल पे, ये है सचमुच सब की जान, ए लिफ्ट, तूं तो है बड़ी महान!
आओ देखें अब अंदर का नज़ारा, जो खुशी से बेजान है बेचारा, लिपट में सभी कंधे से कंधा मिलाए खड़े पर फिर भी है एक दूसरे से मीलों परे! न नमस्ते, न गुड मॉर्निंग, न दुआ न सलाम, जैसे सब हैं एक दूसरे से अंजान
रोबोट  की तरह लगें हैं फोन पे, कोई वाटसऐप पे तो कोई फेसबुक पे 

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