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Sunday, 17 November 2024
Two Unique Migrations
यह जिंदगी क्या है
Saturday, 16 November 2024
लिफ्ट की कहनी
लिफ्ट की कहानी
ये लिफ्ट की सुनो कहानी, मेरी ही ज़ुबानी
मलटी सटोरी की है ये जान, पर खुद कितनी बेजान, सभी करते हैं इसका इंतजार
पर इसे नहीं है किसी से पयार!
किसी को सकूल, किसी को कालिज, किसी को आफिस है जाना, हर किसी को है जल्दी बटन दबाना! पर चलती है अपनी दम से ये, रूक रूक कर हर मंज़िल पे, ये है सचमुच सब की जान, ए लिफ्ट, तूं तो है बड़ी महान!
आओ देखें अब अंदर का नज़ारा, जो खुशी से बेजान है बेचारा, लिपट में सभी कंधे से कंधा मिलाए खड़े पर फिर भी है एक दूसरे से मीलों परे! न नमस्ते, न गुड मॉर्निंग, न दुआ न सलाम, जैसे सब हैं एक दूसरे से अंजान
रोबोट की तरह लगें हैं फोन पे, कोई वाटसऐप पे तो कोई फेसबुक पे ! सबकी सांसे देती है सुनाई, लेकिन उंगलियाँ चलतीं keypad पर भाई ! बात न चीत कोई करे, अपनी ज़िंदगी में सब मस्त खड़े!
टामी ने है सबक सिखाया, पूंछ हिलाकर हमें समझाया, मिलजुल करके रहते जाओ, सुख-दुख सांझा करते जाओ! ये 5 मिनट बहुत हैं नयारे, दोस्ती कर लो एक दूजे से पयारे!
मशीनों में रहकर मशीन न बनो, इंसानों की तरह एक दूजे से मिलो, कुछ अपनी कहो, कुछ दूसरे की सुनो,
चार दिन की ज़िन्दगी में कर लो मज़े जीवन भर के, हंस कर हंसा कर बातें बनाकर, एक दूसरे से मिल लो भाई, दोस्त हों, पड़ौसी हों, चाची हो यां हो ताई!
अपनी उंगलियों को फोन से हटाकर, ज़िंदगी को देखो "मैं" का परदा गिराकर, होली है भाई, हैलो तो कर लो, लिपट में ही सबका मूड लिपट कर दो!
ये लिफ्ट की सुनो कहानी, मेरी ही ज़ुबानी-2
लिफ्ट की कहानी
ये लिफ्ट की सुनो कहानी, मेरी ही ज़ुबानी
मलटी सटोरी की है ये जान, पर खुद कितनी बेजान, सभी करते हैं इसका इंतजार
पर इसे नहीं है किसी से पयार!
किसी को सकूल, किसी को कालिज, किसी को आफिस है जाना, हर किसी को है जल्दी बटन दबाना! पर चलती है अपनी दम से ये, रूक रूक कर हर मंज़िल पे, ये है सचमुच सब की जान, ए लिफ्ट, तूं तो है बड़ी महान!
आओ देखें अब अंदर का नज़ारा, जो खुशी से बेजान है बेचारा, लिपट में सभी कंधे से कंधा मिलाए खड़े पर फिर भी है एक दूसरे से मीलों परे! न नमस्ते, न गुड मॉर्निंग, न दुआ न सलाम, जैसे सब हैं एक दूसरे से अंजान
रोबोट की तरह लगें हैं फोन पे, कोई वाटसऐप पे तो कोई फेसबुक पे
रावण से रूबरू
दूरियां सिखाती है नजदीकियों की कीमत
चाय की टपरी
ज़िंदगी क्या है
यह जिंदगी क्या है
किसी की खिल खिलाती हंसी
जो हमारे जीवन में रंग भर देती है
या किसी की सिसकियां जो
हमारे जीवन में अंधेरा कर देती हैं
हंसते रहिए साथियों और सबका जीवन
रंगीन करते रहिए।
यह ज़िंदगी क्या है , एक कार का पहिया
जो घुमा कर हमें वहीं ला कर खड़ा कर देता है
जहां से हमारा सफर शुरू हुआ था
तभी तो कहते हैं बच्चा बूढ़ा एक समान।
यह जिंदगी क्या है एक ताश का पत्ता
जो हमें कभी हरा देता है तो कभी जिता देता है
सारा एक पत्ते का ही तो खेल है जनाब
ध्यान से पत्ते खोलिए मित्रों,अपने जीवन के।
यह जिंदगी एक पतंग है, जितना भी ऊपर जाओगे
एक दिन कट कर नीचे जरूर आओगे
अपने जीवन की डोर को सोच समझ के उड़ाओगे
तो जीवन की मार से बच जाओगे।
यह जिंदगी एक साइकिल का पेडल है
जो हमें दूर तक ले तो जाता है पर
जैसे ही हम भगाने लगते हैं
पेडल की चैन उतर जाती है और
थम जाती है जिंदगी हमारी
ध्यान से भागिए दोस्तों, आपके इंतजार में है खड़े ,
आपके ही रास्ते के तमाम पत्थर और कंकड़।
यह जिंदगी क्या है एक इम्तिहान जिसके लिए
हम सब दिन रात मेहनत करते हैं
पर जिंदगी तो बंधुओं अपनी ही धुन में चलती है
बलखाती हुई , इठलाती हुई और कितने ही दिलों को
जलाती हुई ।
हम सब तो इसके हाथ की पुतलियां हैं
सुख दुख तो साथी हैं
दोनो में खुश रहना सीख लोगे
तो जिंदगी के थपेड़ों से बच जाओगे
गर सुख के साथ दुख को भी गले लगाओगे
तो हमेशा कदम आगे बढ़ाओ gey।